Monday, September 10, 2018

योनि में यीस्ट संक्रमण - Vaginal Yeast Infection

योनि में यीस्ट संक्रमण - Vaginal Yeast Infection

महिलाओं में योनिशोथ (Vaginitis) एक बहुत बड़ी समस्या है। वास्तव में यह संक्रमण प्रजनन के समय अधिक तेज़ी से होता है। हार्मोनल स्तर के निरंतर घटने बढ़ने, बैक्टीरिया या यौन गतिविधियों के कारण योनि से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

योनि संक्रमण तीन प्रकार का होता है 
यीस्ट इन्फेक्शन,
बैक्टीरियल इन्फेक्शन
ट्रिकोमोनिसिस (Trichomoniasis)।

इनसे ग्रस्त होने पर योनि स्राव, खुजली और जलन आदि लक्षण अनुभव होते हैं। अलग अलग कारणों से होने वाले इन संक्रमणों का उपचार भी भिन्न भिन्न होता है।

योनि में यीस्ट संक्रमण क्या है?
योनि में यीस्ट संक्रमण अधिकतर जननांगों में होने वाला फंगल संक्रमण है। इसके कारण जलन, खुजली और योनि स्राव होता है। यह महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होता है। 4 में से 3 महिलाओं को पूरे जीवन काल में एक बार यीस्ट संक्रमण का अनुभव हो जाता है।
सामान्यतः योनि में यीस्ट संक्रमण तब होता है जब कैण्डिडा एल्‍बीकैंस (Candida Albicans) जो एक प्रकार का कवक (यीस्ट) है, आपके मुंह, पाचन तंत्र या योनि में पाया जाता है। यह फंगस संख्या में तेज़ी से वृद्धि करती है और योनि के ऊतकों को नुकसान पहुँचाती है।
आम तौर पर कैण्डिडा अन्य सूक्ष्मजीवों के साथ एक संतुलन में काम करती है लेकिन जब यह संतुलन बिगड़ जाता है तब कैण्डिडा में अधिक वृद्धि यीस्ट संक्रमण का कारण बनता है।

योनि में यीस्ट संक्रमण के लक्षण
सभी महिलाओं को यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण महसूस नहीं होते क्योंकि अगर संक्रमण बहुत कम है तो लक्षण भी बहुत सूक्ष्म होंगे। अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण का अनुभव हो तो डॉक्टर के पास अवश्य जाएं :
योनी में खुजली, जलन या असहजता महसूस होना।
योनि या योनि मार्ग में दर्द होना।
सेक्स या मूत्र त्याग के समय जलन महसूस होना।
सफ़ेद और गाढ़ा योनिस्राव होना।
लाल चकत्ते या दाने होना।
कभी-कभी यह संक्रमण इतना जटिल हो जाता है कि त्वचा में घाव हो जाते हैं। कुछ मेडिकल परिस्थितियां जैसे गर्भावस्था, अनियंत्रित शुगर या कमज़ोर इम्यून सिस्टम के कारण भी यह इन्फेक्शन होता है।

योनि में यीस्ट संक्रमण के कारण
कुछ यीस्ट संक्रमण कैण्डिडा एल्‍बीकैंस के कारण होते हैं लेकिन कैण्डिडा (Candida) की अन्य प्रजातियां भी संक्रमण फैलाती हैं। जिनका अलग अलग इलाज होता है।
महिलाओं की योनि में यीस्ट और बैक्टीरिया संतुलित मात्रा में उपस्थित रहते हैं लेकिन उनमें असुंतलन संक्रमण का कारण बनता है। लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) बैक्टीरिया यीस्ट में वृद्धि होने से रोकता है लेकिन कभी कभी यीस्ट अधिक प्रभावी हो जाता है जो संक्रमण का कारण बनता है।
महिलाओं से यह संक्रमण सेक्स के दौरान उनके पार्टनर को भी हो सकता है। हालांकि यीस्ट इन्फेक्शन को यौन संचारित संक्रमण (sexually transmitted infections) नहीं माना जाता है क्योंकि यह उन महिलाओं या लड़कियों को भी हो जाता है जो यौन रूप से सक्रिय नहीं हैं और यौन संचारित संक्रमण केवल यौन रूप से सक्रिय होने पर ही होते हैं।

योनि में यीस्ट इन्फेक्शन के कारण निम्नलिखित हैं :
गर्भावस्था: एस्ट्रोजन का बढ़ा हुआ स्तर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में यीस्ट संक्रमण का कारण बनता है।
माहवारी: सामान्य मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन के स्तर में परिवर्तन आपकी योनि के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है जो कभी कभी यीस्ट संक्रमण का कारण भी बन सकता है। यह मासिक धर्म के दौरान लम्बे समय तक पैड्स न बदलने या सफाई न रखने के कारण भी हो सकता है।
एस्ट्रोजन का बढ़ा स्तर: जो महिलाएं गर्भनिरोधक दवाएं लेती हैं उनमें एस्ट्रोजन का स्तर सामान्य से अधिक होता है जो यीस्ट संक्रमण की सम्भावना बढ़ाता है।
शुगर: किसी भी प्रकार की डायबिटीज होने पर यीस्ट संक्रमण होने की सम्भावना अधिक हो जाती है।
एंटीबायोटिक्स: अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक्स (दवाओं) का सेवन आपकी सेहत को अच्छा रखने वाले बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस (lactobacillus acidophilus) को नष्ट कर देता है जिस कारण यीस्ट वृद्धि करके संक्रमण कर देता है।
कैंसर का उपचार: कीमोथेरेपी भी यीस्ट इन्फेक्शन होने का कारण होती है।
कमज़ोर इम्यून सिस्टम: जिन महिलाओं का प्रतिरक्षा तंत्र कॉर्टिकोस्टेरॉइड (corticosteroid) थेरेपी या एचआईवी संक्रमण के कारण कमज़ोर हो गया है उनमें भी यीस्ट संक्रमण तेज़ी से फैलता है।
अधिकतर यीस्ट संक्रमण कैण्डिडा प्रजाति के फंगस के कारण ही होते हैं। अगर आप भी इस संक्रमण से पीड़ित हैं तो इससे पहले कि यह कोई गंभीर रूप ले ले, डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।

योनि में यीस्ट संक्रमण से बचाव
यीस्ट इन्फेक्शन को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है लेकिन कुछ उपायों द्वारा इनसे बचा ज़रूर जा सकता है जो निम्नलिखित हैं :
डूशिंग (Douching) से बचें। यह आमतौर पर पानी और सिरके के मिश्रण से योनि को धोने की एक विधि है। एंटीसेप्टिक और सुगंध से युक्त डूश (Douche) दवा की दुकानों में मिलते हैं। यह बोतल या बैग में आता है और ट्यूब के माध्यम से योनि की सफाई के लिए स्प्रे किया जाता है।
योनि में डिओडोरेंट या डिओडोरेंट पैड्स के इस्तेमाल से बचें।
कॉटन के अंडरगार्मेंट्स उपयोग करें।
ढीले ढाले पैन्ट्स या स्कर्ट्स पहनें।
अंडरगार्मेंट्स को गर्म पानी से धोएं।
स्वस्थ्य और संतुलित आहार खाएं।
गीले कपड़ें (स्विमिंग सूट) तुरंत बदलें।
बाथ टब में स्नान करने से बचें।
अगर आपको कभी भी यीस्ट इन्फेक्शन होने की दुविधा हो तो बिना शरमाये डॉक्टर से ज़रूर परामर्श लें अन्यथा यह समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है।

योनि में यीस्ट संक्रमण का इलाज
यीस्ट संक्रमण का उपचार संक्रमण की जटिलता पर निर्भर करता है।
कम जटिल यीस्ट संक्रमण -
इनका इलाज दो तरीकों से किया जा सकता है : वैजाइनल थैरेपी और दवाओं के सेवन से।
ये दोनों ही तरीके डॉक्टर के परामर्श पर ही अपनायें। अगर आप दवा का सेवन भी करने जा रही हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह के न लें क्योंकि यह प्रतिक्रिया (Reaction) भी कर सकती है जिसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं।
जटिल यीस्ट संक्रमण -
जटिल यीस्ट संक्रमण का इलाज भी वैजाइनल थैरेपी और मौखिक रूप से ली जाने वाली दवाओं से ही किया जाता है।
अधिक समय तक वैजाइनल थैरेपी से (लगभग 7 से 14 दिनों की) - जिसमें वैजाइनल क्रीम और दवाओं का नियमित सेवन करना पड़ता है - भी यीस्ट संक्रमण से निजात पाने में मदद मिलती है।
अगर आपके पार्टनर को यीस्ट संक्रमण है तो संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर करें।

दही का उपयोग भी योनि में यीस्ट संक्रमण के वैकल्पिक उपचार के रूप में किया जा सकता है। यह उपचार रिसर्च अध्ययनों के द्वारा प्रमाणित नहीं है लेकिन कैण्डिडा से होने वाले संक्रमण को कम करने में सहायक है।
कोई भी एंटिफंगल (Antifungal) दवा के सेवन से पहले ये ज़रूर सुनिश्चित कर लीजिये की आपका संक्रमण यीस्ट संक्रमण ही है या नहीं। एंटिफंगल दवाओं के अधिक सेवन से उनका प्रभाव कम होने लगता है और हो सकता है कि भविष्य में ये दवाएं असर न करें इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई दवा न लें।

No comments:

Post a Comment