Thursday, May 31, 2018

ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के आसान उपाय Breast size increase (Boobs Size Badhane ke Upaye)

चेस्ट बूब्स चुचे मुम्मे स्तन वक्ष हिप्स बट्स कूल्हे चूतड़ निथम्ब बड़े छोटे टाइट सुडोल  करने की देसी दवाई 


100  परसेंट गारण्टी वरना दवाई के पैसे वापिस

व्हाट्सएप्प विडीयो कालिंग पर डॉक्टर से बात व जाँच करवाने पर दवा मिलती है | 

केवल लेडीज सम्पर्क करें फोन पर (यह दवा मर्दों के लिए नहीं है, कृपया कर हमारा समय खराब न करें ) 

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चेस्ट बूब्स चुचे मुम्मे स्तन वक्ष हिप्स बट्स कूल्हे चूतड़ निथम्ब बड़े छोटे टाइट सुडोल  करने की देसी दवाई 




हमारे यहाँ पर लेडीज डॉक्टर नहीं है ।
हमारी दवा दुकानों पर नहीं मिलती है ।
देसी दवा मरीज के हिसाब से ताजा बनाई जाती है ।
दवा कुरियर द्वारा आपके कहे पते पर भेजी जाती है ।
दवाई की कीमत 1500 से 15000 रूपये तक की है |
यह 1 महीने से 6 महीने का कोर्स है
100 % शुद्ध आयुर्वेदिक दवाई बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के परमानेंट स्तन चुचे बढ़ाएं |

जिन महिलाओं की उम्र 50 साल से ज्यादा होती है वह महिलाएं भी अपने स्तनों को गोल बनवा सकती है  छोटे स्तनों चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स  के साइज़ को आप 42 इंच तक बढ़ा सकती  हैं

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स्तन लटकने के कारण

जिन महिलाओं की उम्र 20 साल से ज्यादा होती है उन महिलाओं के स्तन धीरे-धीरे लटकना शुरू हो जाता है | 
लटके हुए स्तनों को अगर आप जल्द से जल्द गोल और सुडोल नहीं बनाती हो तो यह सिलसिला शुरू हो जाता है | 

क्या आप छोटे स्तन चेस्ट से शर्मिंदा हैं ?

क्या आपके स्तन चेस्ट इस चित्र में दिए हुए स्तनों की तरह छोटे, बेढंगे  आकर के है ?


क्या आपके स्तन चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स ढीले लटके हुए से हैं  ?

क्या आपके स्तनों चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स में कसाव नहीं है  ?

क्या आप अपने स्तनों चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स की बजह से काम काज में तरक्की नहीं कर पा रहे हैं  ?

क्या आप अपने स्तनों  चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स की समस्या की वजह से अन्य लड़कियों महिलाओं की तुलना में शर्म व,  हीन भावना से ग्रस्त हैं | ?

क्या आपको लगता है की आपके स्तन चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स किसी को आकर्षित करने में सक्षम नहीं हैं  ?

क्या आप अपने स्तनों  ब्रेस्ट चेस्ट बूब्स के दम पर किसी भी मर्द को घुटनो पर लाने में सक्षम नहीं है  ?

क्या आप निचे दिए हुए चित्र की तरह आकर्षक सुडोल बड़े स्तन चेस्ट ब्रेस्ट बूब्स पाना चाहती है तो

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 बहुत सारी महिलाओं के स्तन चेस्ट छोटे होते हैं  उससे उनका पूरा आत्मविश्वास कम हो जाता है |

जिन महिलाओं के स्तनों का विकास बचपन से ठीक तरह से नहीं होता है उनके स्तन बिल्कुल छोटे रह जाते हैं, महिलाओं के स्तन छोटे रहने से महिलाओं के बॉडी का शेप पूरी तरह से बिगड़ जाता है | महिलाओं को हमेशा लगता है कि उनका शेप बिल्कुल सुडौल और आकर्षक हो, लेकिन स्तनों का आकार छोटा होने के कारण महिलाओं का शेप बिल्कुल बिगड़ जाता है |

पर्सनालिटी खराब होने पर मनुष्य को जिंदगी में क्या-क्या परेशानी का सामना करना पड़ता है यह हमें अच्छी तरह से पता है | इसलिए आपने हमेशा स्तनों की साइज सुडोल रखना जरूरी है,


हिप्स बट्स कूल्हे चूतड़ छोटे बड़े ढीले लटके को बड़े छोटे करने की दवाई
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इनमे से आप कौन हैं ?


क्या आपकी कमर व पेट ऐसे है ?





आपके बट्स कूल्हे इनमे  कौन से साइज़ व  के हैं ?

इनमे से कौन सी  टाइप की बॉडी आपकी है ?


अगर आपकी बॉडी में ऐसा कोन त्रिकोण बनता है तो आप सबसे कामुक सेक्सी है |


महिलाओं के लिए बॉडी रेश्यो 

अगर आप अपने बट्स कूल्हे नितम्ब हिप्स गोलाकार सुडोल कसे हुए सही आकर के बनाना चाहती हैं, वो भी बिना किसी एलोपेथिक अन्य दवाइयों के साइड इफेक्ट के तो सम्पर्क करें |
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ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण कारण और उपचार

 ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण कारण और उपचार




ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण कारण और उपचार बताने वाले हें | महिला के स्तनों में जब सूजन, उत्तेजना, वृद्धि, या छाती में चोट लगती है तब महिलाओं को समझ में आता है कि हमारे ब्रेस्ट में गांठ है | महिला के स्तनों में जब गाठ आती है तब महिलाओं के स्तनों में कुछ अलग सा महसूस होता है | देखा जाए तो ब्रेस्ट में गांठ बहुत सारे कारणों से हो सकती है, कई बार ब्रेस्ट में गांठ होने का कारण कैंसर भी हो सकता है |
मार्किट में उपलब्ध स्तन बढ़ाने के इंजेक्शन व तेल लोशन से कैंसर बढ़ने की 99 % संभावना बनी रहती है इसलिए आप हमारा  तंत्र मंत्र द्वारा अभिमंत्रित व निर्मित देसी आयुर्वेदिक 100 % गारंटी दवाई खाने, पिने व मालिश करने के लिए उपलब्ध है, 15 दिन से 3 महीने में 36 से 48 मन चाहा साइज़ पाएं  ब्रेस्ट में अगर कैंसर हो जाता है तो यह आपके जान के लिए बहुत ही जानलेवा होता है, इसलिए महिलाओं ने ब्रेस्ट में कैंसर की गांठ होने पर बिल्कुल नजर अंदाज नहीं करना चाहिए | अगर आप इस बात को नजरअंदाज करते हो आपकी जान भी ले सकता है | ब्रेस्ट में गांठ होने के कारण स्तनों में संक्रमण, घाव, फाइब्रोएडीनोमा, वसा परिवलन, ऐसी विभिन्न स्तनों की बीमारियां हो सकती है | स्तनों में गांठ होने पर आपने जल्द से जल्द उपचार लेना जरूरी है |

बहुत सारी महिलाएं स्तनों में गांठ होने के कारण विभिन्न प्रकार की दवाइयों का सेवन करती है, हम आपको बताना चाहते हैं कि इन दवाइयों का सेवन करने से अगर आपकी गांठ निकल जाती है तो यह उपचार आपने बरकरार रखना चाहिए | लेकिन दवाइयों का सेवन करने से स्तनों की गांठ नहीं जाती है इसलिए स्तनों में गांठ होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए |
स्तनों में जब अल्सर हो जाता है तब स्तनों में गांठ होने लगती है | स्तन में गांठ हम अल्ट्रासाउंड स्कैन पर चेक कर सकते हैं, यह गांठअगर बढ़ती ही जाएगी तो महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की गांठ होने की संभावना ज्यादा होती है | स्तनों में अगर कोई गांठ होती है तो इसके आसपास की त्वचा पूरी तरह से लाल हो जाती है, त्वचा लाल होने के कारण यह संक्रमण पूरे स्तनों में फैल कर स्तनों में एक बड़ी गांठ हो सकती है | जो महिलाएं स्तनपान करने वाली होती है उन्हें यह समस्या ज्यादा फेस करनी पड़ती है, इस गांठ को अगर आप समय के पहले नियंत्रण में नहीं लाओगे तो यह धीमे धीमे ट्यूमर हो सकता हें |
जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है उन्हें बहुत ही अलग महसूस होता है, बहुत सारी महिलाएं ब्रेस्ट में गांठ होने के कारण अपना आत्मविश्वास कम कर लेती है | पहले स्टेज में जो ब्रेस्ट कैंसर होता है तब महिला को स्तनों में दर्द नहीं होता है | लेकिन जब यह गांठ बड़ी-बड़ी होती जाती है वैसे ही स्तनों में दर्द होने लगता हें |
ब्रेस्ट कैंसर जब होता है तब महिलाओं ने अपने स्तनों का पूरी तरह से परिचय करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है | सबसे पहले आपने जान लेना चाहिए कि आपके स्तनों में किस हिस्से में गांठ हुई है | आपको स्तनों में जिस हिस्से में गांठ महसूस होगी उस हिस्से पर आपने ज्यादा प्रेशर नहीं आने देना चाहिए |
ब्रेस्ट कैंसर की गांठ पहचानने के लिए आपने स्तनों का आकार, स्तनों की आकृति और स्तनों का रंग पहचानना बहुत ज्यादा जरूरी है | आपने दोनों हाथों को उठाकर स्तनों की गांठ की जांच करें जिससे आपको जल्द ही महसूस होगा कि स्तनों की गांठ कहा है | कई बार स्तनों में गांठ होने के कारण निप्पल से भी स्त्राव होने लगता है, कई बार यह स्त्राव हरा, पीला, या रक्त के रूप में भी हो सकता हें |
ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण -:
देखा जाए तो स्तन में गांठ के लक्षण बहुत सारे होते हैं, लेकिन इन लक्षणों को पहचानना आपको आना बहुत ज्यादा जरूरी होता है | बहुत सारी महिलाओं के स्तनों में गांठ होने के बावजूद भी उन्हें समझ में नहीं आता है कि हमारे स्तनों में गांठ है | इस गांठ को अगर आप नजरअंदाज करोगे तो यह आपके जान के लिए खतरा हो सकता है | अगर आपको स्तनों में कोई गांठ होती है और पीरियड्स के बाद भी यह गांठ कम नहीं होती है तो आपने जरूर समझ जाना है कि यह स्तनों में गांठ हुई है | कई बार यह गांठ धीरे-धीरे बड़ी होती जाती है |
जैसे जैसे दिन बितते हें वैसे वैसे गांठ का आकार बड़ा होने लगता है, कई बार स्तनों में चोट लगने के बावजूद भी स्तनों में गांठ होने की संभावना होती है | इसलिए महिलाओं ने अपने स्तनों को हमेशा सेफ रखना बहुत ज्यादा जरूरी है | बहुत सारी महिलाएं स्तनों की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देती है, अगर आप हमेशा ऐसा करोगे तो आपको स्तनों को विभिन्न बीमारियों का सामना करना पड़ेगा | कई बार स्तनों में गांठ के कारण स्तनों की त्वचा पूरी तरह से लाल हो जाती है, स्तनों की त्वचा लाल होने के साथ-साथ निप्प्ल्स में से भी खून निकल सकता है, ऐसे बहुत सारे स्तनों में गांठ होने के लक्षण हें |

महिलाओं को स्तनों में जब अल्सर होता है तब महिलाओं के स्तन में गांठ होना संभव होता है | बहुत सारी महिलाओं को प्रेगनेंसी के बाद दुग्ध अल्सर होता है | यह अवसर स्तनपान के दौरान फाइब्रोसिस डिस्टिक स्तनों के कारण हो सकता हें, जिन महिलाओं को स्तनों में फाइब्रोएडीनोमा होता है उन्हें भी कैंसर की गांठ हो सकती है

ब्रेस्ट में गांठ के बहुत सारे उपचार होते हैं, लेकिन प्राकृतिक उपचार देखा जाए तो आपने ब्रेस्ट को हमेशा स्वस्थ रखना बहुत ज्यादा जरूरी है | स्तनों में गांठ होने पर आपने स्तनों की हर रोज हमारे तेल से मालिश करना चाहिए,  तेल से स्तनों की मालिश करते हो तो इससे स्तनों की गांठ कम होने की संभावना होती है \ स्तनों की मालिश करने से भी अगर स्तन की गांठ बड़ी होती जाएगी तो स्तनों की मालिश ना करें, सबसे पहले जब आप ब्रेस्ट के गांठ के उपचार के लिए जब डॉक्टर के पास जाओगे तब डॉक्टरों आपको एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव देंगे |
लेकिन अगर ब्रेस्ट में गांठ है तो एंटीबायोटिक दवाओं का कोई इलाज नहीं है, ब्रेस्ट में गांठ होने पर गांठ की सर्जरी यह सबसे आसान तरीका हो सकता है | ब्रैस्ट की जब आप सर्जरी करते हो तब यह गांठ फैलने की संभावना भी होती है, इसलिए सर्जरी करते वक्त गांठ को फैलने ना दे, कैंसर की गांठ को रेडियोधर्मी किरणों का उपयोग करके हम निकाल सकते हैं | लेकिन यह उपचार गांठ का प्रकार, गांठ का ट्यूमर का आकार, इस पर निर्भर होता हें | ब्रेस्ट की गांठ निकालने के लिए अन्य कारण भी है, लेकिन ज्यादा उपचार ना ले क्योंकि ज्यादा उपचार लेने से आपके शरीर पर इसका गलत असर हो सकता है | स्तनों में चोट के कारण अगर गांठ होती है तो यह गांठ डॉक्टर के साथ चर्चा करके कम कर सकते हो |


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Monday, May 21, 2018

महिलाओं में सेक्स समस्या निराश क्यों ? सम्पर्क करें दवाई के लिए 7678236954

महिलाओं में सेक्स समस्या निराश क्यों ? सम्पर्क करें  दवाई के लिए

कभी कभी तो इसकी परिणति तलाक तक पहुच जाती है.
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क्या आप किसी सेक्स से सम्बंधित समस्या से परेशान हे ।जेसे आप ज़्यादा देरतक सेक्स नही कर सकते 
महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के आयुर्वेदिक दवा   सम्पर्क करें  दवाई के लिए 7678236954


मैं क्या करूं?

आप कुछ प्रश्न अपने आप से पूछें। क्या आपकी सेक्स के प्रति रूचि हमेशा से कम थी। यदि नहीं तो ऐसा कब से हुआ है। क्या आपको अवसाद, या कोई अन्य शारीरक समस्या है। क्या आपको कोई मानसिक कष्ट है। आपने कोई नई दवा लेनी शुरू की है, मेनोपॉज़ हो गया है या जीवन शैली में रिवर्तन हुए हैं।

क्या आपकी कोई सेक्सुअल चिंता है?
क्या आपकी सेक्स में रुचि बदल गई है?
क्या आप योनि सूखापन अनुभव करती हैं?
क्या आप संभोग करने में सक्षम हैं?
क्या आपको सेक्स के दौरान कोई दर्द या परेशानी है?
आप अपनी यौन चिंताओं के बारे में कितना परेशान महसूस करते हैं?
क्या आपको कभी कैंसर के लिए इलाज किया गया है?
आपको यह समस्या कब से है?
क्या आप अभी भी मासिक धर्म हो रहे हैं?
क्या आपकी कोई स्त्रीरोग सर्जरी की गई है?

अगर समस्या काफी आ रही है तो संपर्क सम्पर्क करें  दवाई के लिए ।

स्त्री रोग विशेषज्ञ आपसे मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। पेल्विक एग्जाम के द्वारा प्रजनन अंगों में किसी प्रकार का बदलाव जैसे कि योनि का सूखना, जेनैटल टिश्यू का पतला आना आदि टेस्ट किया जा सकते हैं।

इसके लिए यौन शिक्षा, परामर्श और कभी कभी दवायें दी जा सकती हैं। दवाएं जिनके कारण यह समस्या हुई है उन्हें बदला भी जा सकता है। कारणों के आधार पर इलाज़ किया जाता है।

काउंसिलिंग

यौन चिंताओं के लिए सेक्स चिकित्सक या परामर्शदाता के साथ बात कर कम यौन इच्छा की स्थिति में मदद हो सकती है। इसमें संबंधों में अंतरंगता और सेक्स इच्छा की भावनाओं को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

दवाएं

चिकित्सक उन दवाइयों का मूल्यांकन कर सकते हैं जो आप पहले से ले रही हैं, यह देखने के लिए कि उनमें से कोई भी यौन दुष्प्रभावों का कारण तो नहीं है। उदाहरण के लिए, अवसाद की दवाएं जैसे कि पेरोक्साइटीन (पक्सिल, पीएक्सवा) और फ्लुक्सैटिन (प्रोज़ाक, सरफम) सेक्स ड्राइव को कम कर सकते हैं।

सेक्स ड्राइव की कमी में शारीरिक या मनोवैज्ञानिक कारण

संबंध में समस्या relationship issues
डिप्रेशन Depression
मानसिक या शारीरिक आघात
थकान Fatigue, tirdness
तनाव Stress, anxiety and exhaustion
हार्मोन विकार
शराब और नशीली दवाओं का उपयोग Alcohol and drugs
होर्मोन का स्तर कम हो जाना
उम्र के साथ Getting older
रजोनिवृति menopause
स्तनपान के दौरान breastfeeding
किसी प्रकार का रोग और उसकी दवाएं Underlying health problems
दवाएं, गर्भनिरोधक Medication and contraception

महिला के प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिर जाने पर सेक्स ड्राइव भी गिर सकता है टेस्टोस्टेरोन का अंडाशय और अधिवृक्क ग्रंथियों में उत्पादित किया जाता है, इसलिए यदि वे हटाए जाते हैं या वे ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं तो स्तर गिर सकता है।

शारीरिक संबंधों के दौरान होने वाली समस्याएं जैसे कि दर्द होना, अच्छा न लगना, पहले की गई ज़बरदस्ती, ओर्गास्म न होना, मज़ा न आना, आदि भी कारण हो सकता है।

सेक्स पोजीशन में एक्सपेरिमेंट करें। दिन के अलग-अलग समय या सेक्स के लिए एक अलग स्थान की कोशिश करें। सेक्स को मजबूरी न समझें।


महिलाओं में कामेच्छा की कमी के शारारिक कारण
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महिलाओं में समय के साथ होने वाली प्रक्रियाओं के कारण उनके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते रहते हैं. जिसके कारण कामेच्छा में कमी आ जाती है. ये परिवर्तन जैसे गर्भधारण,स्तनपान, बच्चों का जन्म तथा रजोनिवृत (मासिक धर्म का बंद हो जाना) आदि के समय पर होता है.
महिलाओं में कई प्रकार ऐसे रोग होते हैं जिनके कारण उन्हें कई बार शल्य क्रियाओं जैसे Mastectomy (स्तन को हटाने की सर्जरी) या टेबेसो (गर्भाशय, अंडाशय और fallopian tube (डिम्बवाहीनलिका) आदि के दौर से गुजरने पड़ते हैं. इसके कारण भी महिलाओं में कामेच्छा (लो लिबिडो) की समस्या पैदा हो जाती है. महिलाओं की कामेच्छा की खुराक – यौन जीवन में सुधार (और पढ़ें : महिला बांझपन (प्रजनन क्षमता में कमी) के कारण का आयुर्वेदिक उपचार)
किडनी व दिल को प्रभावित करने वाली बीमारियां जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज, अत्यधिक तनाव आदि महिलाओं में कामेच्छा (लो लिबिडो ) को कम करते हैं.इसके अलावा अन्य बीमारियां जैसे गठिया रोग, कैंसर और मधुमेह, भूख न लगना आदि जैसे भी यौन संबंधों को प्रभावित करते हैं.
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन, थकान और इन अवधियों के दौरान समय की कमी के कारण यौन रूचि कम हो जाती है.
रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी होती है, जिसके कारण कामेच्छा में कमी होती है. इसके अलावा, जब योनि शुष्क हो जाती है और संभोग करते समय योनि में दर्द होने से भी महिलाए संभोग करने में रूचि कम लेती हैं.

एक समय के बाद महिलाओं में सेक्स की इक्षा में कमी होने लगती है, हालांकि इस कमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य या भावनात्मक कारण। इसके अलावा, महिलाओं के जीवनकाल में उसकी यौन इच्छा में उतार चढ़ाव जीवन की प्रमुख घटनाओं के दौरान, रिश्ते की शुरूआत या अंत में, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति और बीमारी आदि के कारण भी इस तरह की समस्या देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, भी अन्य कारण हैं, जो निम्न हैं-

शारीरिक कारक

बीमारियाँ- अनेक बीमारियाँ जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मस्तिष्क संबंधी बीमारियाँ और अन्य पुरानी बीमारियाँ भी सेक्स की इक्षा को कम कर सकती हैं।

दवाएँ- कुछ दवाएँ ऐसी हैं जिनका सेवन करने से महिलाओं में यौन के प्रति रूचि में कमी होती है।

आदतें- धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन यौनरूचि को कम कर सकता है।

थकान- अतिरिक्त काम या गतिविधि थकान का कारण है और इससे यौनरूचि कम हो सकती है।

हार्मोन संबंधी कारक

गर्भावस्था और स्तनपान- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन आदि के कारण इस तरह की समस्या देखने को मिलती हैं।

मेनोपॉज़- मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी होती है, जिसके कारण सेक्स में रूचि कम होने लगती है।

योनि का सूखापन- इसके अलावा, योनि शुष्क हो जाती है और संभोग करते समय पीड़ा हो सकती है, जिसके कारण महिलाओं में संभोग करने की रूचि कम हो सकती है।

सामाजिक कारक

पूर्व में यौन शोषण का शिकार

पूर्व में प्रतिकूल यौन अनुभव

रिश्तों में समस्याएँ

यदि आप ज्यादा ड्रिंक करते हैं या अपनी पत्नी से गलत व्यवहार करते हैं तो भी वो आपसे प्यार नहीं करेगी। यदि आप एक हिंसक प्रवृति के इंसान हैं तो आपकी पत्नी में ठंडेपन के अवसर बढ़ जाएगा।

तनाव या चिंता

तनाव या चिंता भी कई महिलाओं में सेक्स की इक्षा को खत्म कर देता है।

महिलाओं के लिए कामेच्छा बढ़ाने की गोलियां
वैसे तो महिलाओं के लिए कामेच्छा बढ़ाने की अनेक गोलियां बाजार में उपलब्ध हैं. परन्तु इन गोलियों के सेवन से कुछ समय के लिए महिलाओं की कामेच्छा में वृद्धि तो हो जाती है परन्तु कालांतर में इससे बहुत शारीरिक नुकसान होता है.
इसलिए आपको बाजारों में उपलब्ध गोलियों को लेने के बजाय आयुर्वेदिक दवाओं का उपचार करना चाहिए.


पत्नी में लो लिबिडो के क्या कारण हैं? Reasons for Loss of libido (reduced sex drive) in Women

एक महिला की यौन इच्छा में स्वाभाविक रूप से वर्षों में उतार-चढ़ाव संभव है। यदि कोई महिला अपने संबंधों में खुश नहीं है तो भी सेक्स ड्राइव कम हो जाता है। पति का पसंद न होना, बेमेल शादी, पति व्यवहार, खुश न रहना भी इसके कारणों में शामिल है। बार बार होने वाले विवाद, एक-दूसरे के आकर्षण न मसूस करना, तथा बातचीत न होना भी लिबिडो को कम देता है।

जीवन में होने वाले परिवर्तनों, जैसे गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या बीमारी के कारण इस पर सीधा प्रभाव पड़ता हैं। कई रोगों के लिए ली जाने वाली दवाएं भी महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव का कारण बन सकती हैं।







पुरुषों में अगर शादी टूटने की वजह सेक्स प्रॉब्लम है?

पुरुषों में अगर शादी टूटने की वजह सेक्स प्रॉब्लम है?

आज के समय में अक्सर लोग सेक्स समस्याओं से परेशान है। सही जानकारी न होने पर वे नीम हकीमों के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिससे फायदे की बजाय नुकसान ज्यादा होता है।

अंसतुष्ट वैवाहिक जीवन या खराब सेक्स लाईफ का प्रमुख कारण है सेक्स समस्याएं। पुरुषों में प्री मच्योर इजेकुलेशन एवं लिंग की शिथिलता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) बहुत ज्यादा पाई जाने वाली समस्या है। कुछ लोगों में यूरिन के साथ वीर्य निकल जाने की दिक्कत भी आती है। अगर सेक्स करते समय, समय से पहले वीर्य स्खलन हो जाए तो यह प्री मच्योर इजेकुलेशन है। यह बीमारी सेक्स लाईफ खराब कर देती है। कामेच्छा के समय लिंग में स्तंम्भन (तनाव) न आना या आते ही वापस लिंग शिथिल हो जाना इरेक्टाइल डिस्फन्क्शन है। इन सबसे पुरुष एक गहरी हीन भावना के शिकार हो जाते हैं। शारीरिक कमजोरी की यह बात उन्हें खाए जाती है।

बाजार में सेक्स समस्याओं के निदान के लिए उत्पादों की बाढ़ आ गई है। क्या ये पुरुषों की सेक्स समस्याओं के सही समाधान हैं?
बिल्कुल नहीं। इनमें से अधिकतर उत्पाद तो काम ही नहीं करते और अधिकतर प्रॉडक्ट सिर्फ प्लेसीबों की तरह काम करते हैं जो सिर्फ साइकॉलजी पर असर डालते हैं। अक्सर इनके साइड इफेक्ट्स देखे गए है। जो थोड़ा बहुत काम करते हैं उनका असर अल्पकालिक होता है। अक्सर लोग इन समस्याओं को आम शारीरिक कमजोरी समझ बाजार में मिलने वाली दवाओं से जोश और स्टेमिना बढ़ाना अपना इलाज समझते हैं। लोगों को पता ही नहीं होता कि उनकी असली समस्या क्या है जैसे PME या ED और वो खुद ही अपना इलाज करने की कोशिश करते हैं। अक्सर मरीजों की इन दवाईयों पर मानसिक निर्भरता हो जाती है।

सेक्स समस्या निराश क्यों।
1.धातु(शुक्) विकार ;वीर्य का पतलापन ;वीर्य की मात्र में कमी ।
2.किसी भी कारण से नपुंसकता ;नामर्दगी सुस्ती ;सेक्स जोश में कमी ।
3.श्रीधपतन रुकावट में कमी ;सेक्स शक्त्ति की ज़्यादा कमी कमज़ोर थकान ।
4.धात सवप्न दोष ;पेशाब के साथ में या बाद में वीर्य का गिरना ।
5.सेक्स की इच्छा ना होना । ज़्यादा सेक्स के कारण कमज़ोरी होना या, सम्भोग में संतुष्ट ना होना ।
ऐसी अन्ने मर्दानी बीमारियो के लिए हमने बनाया हे एक देसी आयुर्वेदिक नुस्खा
जिस से आप की सेक्स की सारी समस्या खत्म होती हे ।
15 दिन का इलाज और लिंग की मालिश से आप के लिंग की नसों में जान आती हे और लिंग ढीलापन या छोटापन या टेढ़ापन खत्म होता हे।




सेक्स समस्या छोटा अंग निराश क्यों 
इस्तमाल करते ही असर शुरू अगर आपका अंग छोटा और पतला है तोह मात्र 15 दिन में 1 से 2 इंच तक लंबा और मोटा ताकतवर सुडोल शक्तिशाली करे साथ ही अपना सेक्स पॉवर ,शक्ति बडाये अब आसानी से,
25 से 35 मिनट तक सेक्स टाइम बेहतर मनोरंजन 100% आयुर्वेदिक दावा आज ही आर्डर करे


छोटी इंद्री सेक्स समस्या
इस्त्री से घबराहट ,नसों की खराबी ,इंद्री को 1से2 इंच लंबा और मोटा करे ,गज़ब का अधिक सेक्स समय आयुर्वेदिक देसी नुस्का खाने लगाने का इलाज ।

 इन सेक्स समस्याओं का सही और स्थायी इलाज क्या हैं? 

सेक्स समस्याओं में वीर्य की गुणवत्ता, हॉर्मोन्स के अंसतुलन, लिंग की कमजोरी एवं रक्त के प्रवाह को ठीक करने एवं क्षमता बढ़ाने के लिए सही आयुर्वेदिक इलाज बहुत जरुरी है।

 1. पुरुषों में प्री मच्योर इजेकुलेशन

अगर सेक्स करते समय, समय से पहले पुरुष का सीमेन निकल जाए तो इसे प्री मच्योर इजेकुलेशन कहा जाता है। यह स्थिति सेक्स लाइफ खराब कर देती है।

2. इरेक्टाइल डिसफंक्शन

कामेच्छा के समय पेनिस में तनाव न आना या आते ही पेनिस का ढीला पड़ जाना इरेक्टाइल डिस्फन्क्शन कहलाता है।

3. दर्द भरा सेक्सुअल इंटरकोर्स

यह लेडीज की आम समस्या है। इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना भी कई महिलाओं को सेक्स से दूर करता है। वेजाइना में सूखेपन, सूजन या किसी इंफेक्शन आदि के कारण यह समस्या हो सकती है।

4. गुप्त अंगों में इंफेक्शन

गुप्त अंग में खुजली एक और सेक्स समस्या है। इंफेक्शन, ठीक से वेजाइना की सफाई ना करने, कब्ज, गुप्त अंगों में इंफेक्शन आदि के कारण हो जाती है।

5. सेक्स की इच्छा में कमी

यह समस्या सामान्य तौर पर महिलाओं में देखने को मिलती है। महिलाओं में सेक्स की इच्छा में कमी डिप्रेशन, थकान या स्ट्रेस की वजह से हो सकती है। कई महिलाओं को शरीर के कुछ ख़ास हिस्सों पर हाथ लगाने से दर्द भी महसूस होता है या ऐसा करना उन्हें अच्छा नहीं लगता। इससे भी वो सेक्स से बचना चाहती हैं।

6. लुब्रिकेशन की कमी

महिलाओं की वेजाइना में लुब्रिकेशन यानि गीलेपन को उत्तेजना का पैमाना माना जाता है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में लुब्रिकेशन की कमी सामान्य है, लेकिन यदि कम उम्र में भी किसी महिला को इसमें कमी की शिकायत होती है, तो इस समस्या का इलाज होना चाहिए। लुब्रिकेशन में कमी होने पर इंटरकोर्स काफ़ी तकलीफ़देह हो जाता है।

 7. ऑर्गाज्म ना होना या देर से होना

इंटरकोर्स के दौरान स्त्रियों का ऑर्गाज्म तक ना पहुंच पाना भी एक आम सेक्स समस्या है।  बेहतर ऑर्गाज्म ना होने के कारण कई अन्य शारीरिक समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।

8. वेजाइनल पेन

कभी-कभी महिलाओ को नाभि के नीचे और प्यूबिक एरिया के आस-पास दर्द महसूस होता है। ऐसे में लुब्रिकेशन होता है, पर क्लाइमैक्स यानि ऑर्गाज्म नहीं होता। इससे इस एरिया में खून कम जाता है और दर्द होने लगता है।

9. इंपोटेंसी यानि नपुंसकता

इंपोटेंसी के लिए डायबटीज, हाई ब्लडप्रेशर, चर्बी की अधिकता आदि कारण प्रमुख होते हैं। सिगरेट, तंबाकू और एल्कोहल के सेवन से भी इरेक्शन की प्रॉब्लम हो सकती है।

10. पसंद और नापसंद

दोनों पार्टनर की सेक्स को लेकर अलग-अलग पसंद और नापसंद हो तो भी सेक्सुअल रिलेशन बनाने में समस्या हो सकती है।