Saturday, June 16, 2018

कब्ज दूर करने के 10 घरेलु उपाय

कब्ज दूर करने के 10 घरेलु उपाय

कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए | पानी के अधिक सेवन से आँतों में मल जमा नहीं होता और कब्ज से राहत मिलती है |
खाना खाने के पश्चात् पपीते का सेवन कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा प्रदान करता है |
सुबह खाली पेट व रात्रि को खाना खाने के बाद शुद्ध शहद का सेवन करना भी कब्ज से राहत देता है |
कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को सुबह उठते ही अधिक से अधिक ताजा पानी का सेवन करना चाहिए व थोडा सैर के लिए घूमने जाना चाहिए
अंजीर का प्रयोग पुरानी से पुरानी कब्ज में भी राहत प्रदान करता है | इसलिए यदि आप पुराने समय से कब्ज से पीड़ित है तो अंजीर का सेवन करना शुरू करें |
एक गिलास हल्के गरम पानी में के निम्बू निचोड़कर इसे रात्रि को सोते समय प्रयोग करें | इसके प्रयोग से पुरानी से पुरानी कब्ज भी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है |
फाइबर को आँतों के लिए सबसे अच्छा माना गया है | जो व्यक्ति खाने में फाइबर की मात्रा अधिक लेते है उन्हें जीवन में कभी कब्ज की शिकायत नहीं होती | आइये जानते है फाइबर हमें किन-किन चीजों से प्राप्त होता है : हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, सेव के छिलके, नाशपाती के छिलके, मक्का , बिना छलनी के प्रयोग किया गया गेहूं का आटा, मूली , पत्ता गोभी , मटर , बादाम और किसमिस इन सभी में फाइबर अधिक मात्रा में होता है |
सुबह-सुबह खाली पेट घूमने जाये व हल्का व्यायाम और कपालभाती योगासन करें | समय में खाने का सेवन करें, कब्ज को जड़ से खत्म करने का यह सबसे अच्छा विकल्प है |
रात्रि को सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना खाएं | खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर में न बैठे, थोडा दूर पैदल अवश्य चले |
कब्ज की समस्या थोड़ी गंभीर होने पर घर पर त्रिफला चूर्ण अवश्य रखे | रात्रि को सोते समय आधा चम्मच गुनगुने पानी से कभी-कभी सेवन कर सकते है |

उपाय

कब्ज की समस्या गंभीर होने पर एक गिलास गरम दूध में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर सेवन करें | एक दिन छोड़कर फिर से इस प्रयोग को करें | इस प्रकार एक सप्ताह में 3 बार इस प्रयोग को करें | ऐसा करने से आंतो में चिपका मल पूर्ण रूप से साफ़ हो जाता है व आँतों की क्रिया पुनः ठीक से कार्य करने लगती है |
आवंला और एलुवेरा जूस सुबह और शाम दोनों समय खाली पेट सेवन करें | इससे कब्ज, गैस और एसिडिटी सभी में राहत मिलती है | इनका सेवन आप नियमित रूप से भी कर सकते है यह पूर्णतया सुरक्षित है |
एक गिलास गरम दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से भी कब्ज से छुटकारा मिलता है |
एक चम्मच ईसबगोल की भूसी को दिन में खाली पेट एक गिलास पानी के में मिलाकर सेवन करें |

कब्ज़, गैस और एसिडिटी का चूर्ण घर पर बनाने की विधि
20 ग्राम हींग , 100 ग्राम जीरा व स्वाद अनुसार काला नमक, ये सभी लेकर पहले जीरे को लाहे के किसी जार में अच्छे से कूट कर चूर्ण बना ले अब इसमें हींग और काला नमक डाले और फिर से अच्छे से कूट ले | अब इस चूर्ण को आप किसी कांच के बर्तन में रख ले और खाना खाने के बाद एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करें | गैस , कब्ज और एसिडिटी में यह चूर्ण बहुत ही प्रभावी सिद्ध हुआ है |

कब्ज एक सामान्य बीमारी है जो हर तीसरे व्यक्ति को होती है | इसलिए कब्ज की समस्या से पीड़ित होने पर तनाव व चिंता बिल्कुल न करें और छोटे-छोटे घरेलु नुस्खों को अपने जीवन में अपनाकर कब्ज की समस्या से पूर्णतया छुटकारा पायें | कब्ज की समस्या अधिक गंभीर होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें |

एसिडिटी और गैस की समस्या में घरेलु उपाय Acidity or gas ka gharelu upay

एसिडिटी और गैस की समस्या में घरेलु उपाय Acidity or gas ka gharelu upay

जीरा : जीरा घर की रसोई घर में प्रयोग आने के साथ-साथ बहुत ही गुणकारी औषधि भी है | जब कभी भी आप एसिडिटी होने का अनुभव करें आधा चम्मच कच्चा जीरा मुख में रखकर इसे अच्छे से चबाये और तुरंत बाद हल्के गरम जल का सेवन करें | या आधा चम्मच जीरा 2 कप पानी में अच्छे से उबाल ले और इसे छानकर सेवन करें | एसिडिटी और गैस की समस्या में जीरे का यह प्रयोग आपको पूर्णरूप से राहत प्रदान करता है | जीरे का यह प्रयोग पूर्णरूप से सुरक्षित है |

कब कौन सा खाना खाए का सही समय

कब कौन सा खाना खाए  का सही समय

दही खाने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार दही खाने का सही समय दोपहर के 3 बजे से पहले बताया गया है | दोपहर 2 या 3 बजे से पहले पहले दही का सेवन गुणकारी होता है | रात्रि के समय दही का सेवन विरुद्ध आहार का हिस्सा है | रात्रि के समय दही का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए, रात्रि के समय दही का सेवन करने से खांसी-जुकाम व फेफड़ों की बीमारी और जोड़ों में दर्द हो सकता है | दही की तासीर को ठंडा माना गया है इसीलिए अधिक सर्दी के समय भी दही का सेवन नहीं करना चाहिए | सर्दियों में दही के सेवन से व्यक्ति में थकान, निद्रा और आलस अधिक आने लगता है | एक बात का ध्यान दे, दही को कभी भी गरम करके सेवन न करें |

सुबह-सुबह खाली पेट दही का सेवन पेट में अल्सर , एसिडिटी , हाथ-पैर में जलन , पेट में गर्मी की शिकायत आदि में राहत प्रदान करता है |

दूध पीने का सही समय
वैसे तो दूध को सर्वोत्तम आहार माना गया है और यह सच भी है, दूध में सभी विटामिन्स , कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन होता है इसीलिए आधुनिक चिकत्सा पद्धति के अनुसार दूध का सेवन पूरे दिन में कभी भी किया जा सकता है किन्तु आयुर्वेद के अनुसार दूध का सेवन रात को करना सबसे अधिक लाभप्रद माना गया है | सुबह के समय दूध का सेवन पाचन क्रिया को धीमा कर देता है | सुबह के समय दूध पचने में भारी होता है | लेकिन यह भी सच है की सुबह दूध पीने से पूरे दिन शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है | वृद्ध लोगों के लिए दोपहर में दूध का सेवन करना अच्छा माना गया है इससे उन्हें उर्जा मिलती है |

आयुर्वेद के अनुसार रात्रि के समय दूध का सेवन सबसे अच्छा माना गया है | रात्रि को दूध पीने से पूरे दिन की थकान दूर होती है और नींद भी अच्छी आती है | आयुर्वेद के अनुसार रात्रि को सोते समय दूध पीना चाहिए |

भोजन के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए , इससे पाचन क्रिया धीमी होने लगती है | भोजन के 2 घंटे बाद अलग से दूध का सेवन करना चाहिए |

छाछ पीने का सही समय
छाछ एक तरल पेय है जिसे दही को मथकर बनाया जाता है | छाछ पचने में आसान होता है | छाछ को सुबह व दिन के समय भोजन के साथ सेवन किया जा सकता है | आयुर्वेद के अनुसार शाम के समय व रात्रि के समय छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए | छाछ के सुबह खाली पेट सेवन से पाचन संबंधी विकार में लाभ मिलता है |

फल खाने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार फल खाने का सही समय सुबह का माना गया है | भोजन के तुरंत बाद फल या जूस का सेवन नहीं करना चाहिए | इससे पाचन संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते है और साथ ही आपके द्वारा खाए गये फल का लाभ आपको नहीं मिलेगा | फलों द्वारा सम्पूर्ण पोषक तत्वों की पूर्ती के लिए आप इनका सुबह के समय सेवन करें
पपीता खाने का सही समय
पपीता बीमारी के समय प्रयोग किया जाने वाला सबसे उपयुक्त फल है | यद्यपि इसे स्वादिस्ट फलों की संख्या में कम ही पसंद किया जाता है लेकिन बीमारी के समय चिकित्सक पपीते का सेवन करने की सलाह देते है | पपीते के सेवन से पाचन संबंधी विकारों में लाभ मिलता है | सुबह खाली पेट पपीते का सेवन पेट और आँतों के लिए किसी वरदान से कम नहीं | कब्ज , गैस , एसिडिटी  और अपच जैसी समस्याओं में पपीते का सेवन तुरंत लाभ पहुंचाता है | आयुर्वेद के अनुसार पपीते का सेवन सुबह के समय करना उपयुक्त है | रात्रि के समय पपीते का सेवन करने से बचे इससे पाचन संबंधी विकार आ सकते है |

पेट दर्द ठीक करने का अचूक उपाय Pet Dard ka Achuk Upay

पेट दर्द ठीक करने का अचूक उपाय Pet Dard ka Achuk Upay

जब कभी भी आप अचानक से भयंकर पेट दर्द महसूस करें तो ऐसे में एक चुटकी हींग लेकर इसे एक चम्मच पानी में मिला ले | अब इस हींग के घोल को रुई के माध्यम से अपनी नाभि स्थान के आस-पास लगाये और अंत में रुई को अच्छे से हींग के घोल में डुबोकर अपनी नाभि में रख ले | 5 मिनट तक इसे ऐसे ही रखे रहने दे | ऐसा करने मात्र से ही आपका पेट दर्द ठीक हो जाता है | पेट दर्द ठीक करने का यह सबसे आसान तरीका है जिसका कोई भी हानिकारक परिणाम नहीं है |

सर्दी -जुकाम व खांसी के अचूक घरेलु उपाय

सर्दी -जुकाम व खांसी के अचूक घरेलु उपाय


समय समय पर होने वाले मौसम में बदलाव को हमारा शरीर एडजस्ट नहीं कर पाता और सर्दी – जुकाम व खांसी का शिकार हो जाता है | वैसे देखा जाये तो ये कोई गंभीर रोग नहीं है किन्तु इनकी चपेट में आने पर परेशानियाँ बहुत होती है | सर्दी – जुकाम और खांसी में दवाइयां कुछ ख़ास असर नहीं करती है इस प्रकार के रोग सामान्यतः कुछ दिन में अपने आप चले जाते है | किन्तु सर्दी जुकाम होने पर कुछ सावधानियां और परहेज अवश्य ही करने चाहिए अन्यथा स्थिति और भी ख़राब हो सकती है | ऐसे में जहाँ रोग 6 दिन में ठीक होना था वहीँ कभी – कभी एक महीने या इससे भी अधिक समय तक परेशान कर सकते है | 

सर्दी – जुकाम व खांसी के शुरुआत में ही लक्षण पहचाने
मौसम बदलने के दिनों में अचानक से गले में खरास की शिकायत होना, बार – बार छींके आना , सारे शरीर में हल्का दर्द , हल्का बुखार ,थकान महसूस करना , हल्की ठण्ड महसूस होना या फिर गले में बलगम की शिकायत ये सब जुकाम व खांसी के होने से पहले दिखने वाले लक्षण हो सकते है |

इस प्रकार के लक्षण महसूस होने पर व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए ये परहेज करने चाहिए
शरीर को ढक कर रखे  | कुछ दिनों के लिए शर्ट और पेंट ही पहने,  निक्कर व छोटी टी-शर्ट का प्रयोग बिलकुल न करें | ऐसे में सर्दी लगने की शिकयत से जुकाम की तीव्रता और भी अधिक हो सकती है |
कुछ दिन नासिका मार्ग को पानी द्वारा साफ़ कर इसमें ऊँगली द्वारा सरसों का तेल लगाये | और साथ ही सरसों के तेल को अपनी नाभि पर लगाने की आदत बना ले | नाभि पर सरसों के तेल को लगाने से रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है | और बार -बार सर्दी लगने जैसी परेशानियों से छुटकारा मिलता है |
गुनगुना पानी पीना शुरू करें और साथ ही ठन्डे पानी के सेवन से कुछ दिनों के लिए बचे | कुछ दिन कोल्ड ड्रिंक्स व आइसक्रीम से दूरी बनाये |
गले में खरास की शिकायत होने पर हल्के गरम पानी में नमक डालकर गरारे  (gargle ) करें |  इसे दिन में 2 या 3 बार प्रयोग कर सकते है |
ठंडा व बासी खाना कुछ दिनों के लिए बिल्कुल बंद कर दे | कुछ दिन गरम वस्तुओं का सेवन करें |
सर्दी -जुकाम व खांसी के अचूक घरेलु उपाय

सर्दी -जुकाम व खांसी के अचूक घरेलु उपाय
सर्दी लगने के कारण होने वाली खांसी व जुकाम में इंग्लिश दवाइयां पूर्ण रूप से काम नहीं करती है वहीं घरेलु उपचार पूर्ण रूप से प्रभावशाली सिद्ध हुए है |
अदरक का आधा चम्मच रस निकाल कर इसे हल्का सा गरम कर ले | अब इसमें समान मात्रा में ही शहद मिला कर इसे खाली पेट सेवन करें | इस प्रयोग को दिन में तीन बार खाली पेट ही सेवन करें | यह प्रयोग सर्दी ,खांसी और जुकाम में अचूक औषधि का काम करता है |
दूध में 1/4 चम्मच हल्दी डालकर इसे उबाल ले और सोते समय सेवन करें |
दूध में अदरक , जायफल और केसर डालकर इसे अच्छे से उबाल ले, जब दूध आधा रह जाये तो इसे पी ले | जुकाम में तुरंत राहत मिलेगी |
जुकाम हो जाने पर  2 चम्मच अजवायन  लेकर इसे तवे पर हल्का गरम कर ले | अब इसे एक सूती रुमाल में डालकर एक पोटली बना ले और नाक से सूंघे | इस प्रयोग को रात को सोते समय ही करें |
2 लोंग को तवे पर हल्का सेक ले और अच्छे से पीसकर इसे दूध में मिलाकर पीये | इस प्रयोग को भी रात को सोते समय ही करें |
कुछ दाने ( 6 या 7 ) काली मिर्च के लेकर इन्हें घी में हल्का तड़का देकर खा ले और फिर तुरंत दूध का सेवन करें | इस प्रयोग से बंद नाक तुरंत खुल जाती है और जुकाम से लड़ने की ताकत मिलती है |
मेथी को भी सर्दी ,जुकाम और खांसी के लिए अच्छी औषधि माना जाता है | एक चम्मच मेथी को 1 कप पानी में डालकर इसे अच्छे से उबाल ले | जब पानी आधा कप रह जाये तो इसे गुनगुना रहने तक ठंडा करें और एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें | सर्दी , जुकाम और खांसी से शीघ्र आराम मिलेगा |
लहसुन की 5 कलियां लेकर इन्हें घी में हल्का भूनकर सेवन करें | दो दिन ऐसा करने से जुकाम में राहत मिलती है |
अमरुद को भूनकर खाने से खांसी , जुकाम में आराम मिलता है |
 जुकाम हों जाने पर जब भी पानी पीये , नाक के दोनों छिद्रों को अंगूठे और ऊँगली से बंद कर पीये | पानी पीने के कुछ सेकंड्स बाद नाक से ऊँगली हटाये | यह एक आसान और परीक्षित प्रयोग है | जुकाम होने पर इसे प्रयोग अवश्य करें |
50 ग्राम तुलसी का पेड़ ले जिसमें – तुलसी के पत्ते , टहनी और बीज सभी हो | अब इन्हें इकट्ठा कर आधा लीटर पानी में डाल ले और इसके साथ -साथ लगभग 60 से 70 ग्राम अदरक और 10 ग्राम काली मिर्च को अच्छे से पीसकर इन्हें भी उस पानी में मिला ले | अब इस पानी को तब तक उबाले कि पानी सिर्फ 100 ग्राम ही रह जाये | इस पानी को छानकर किसी कांच की बोतल में डाल ले | जब भी इसका सेवन करें इसमें थोडा सा शहद मिलाकर सेवन करें | नोट : एक बार में 10 ग्राम से ज्यादा सेवन न करें | काफी दिन पुरानी खांसी और जुकाम भी इस प्रयोग से ठीक हो जाते है |
 2 लोंग , 4 काली मिर्च के दाने , थोड़ी मात्रा में अदरक , 4 तुलसी के पत्ते और 2 पतासे लेकर इन सब को एक गिलास पानी ( 250 ml ) में डालकर तब तक उबाले जब तक कि पानी आधा कप के लगभग रह जाये | इसे देहाती भाषा में काढ़ा कहते है |सोते समय इस काढ़े का सेवन करना चाहिए | सर्दी ,खांसी ,जुकाम और हल्के बुखार में यह बहुत ही जल्द प्रभाव दिखाता है |
इन सब घरेलु उपाय के अतिरिक्त यदि आप आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग करना चाहते है तो : बाजार से अभ्रक भस्म ले आये और शहद के साथ एक बार में 250 mg प्रयोग करें | दिन में तीन बार इस औषधि को ले सकते है |

सर्दी ,खांसी व जुकाम में ये घरेलु नुश्खे बहुत ही प्रभावी सिद्ध हुए है घर में प्रयोग होने वाले अधिकतर मसालें औषधि का काम करते है | किसी भी रोग के शुरू के लक्षण को यदि समय पर पता किया जाये तो यही औषधि रोग को जड़ से ख़त्म भी कर सकती है |