Wednesday, September 19, 2018

कालाजार (काला ज्वर) (Black Fever, Visceral Leishmaniasis)

कालाजार (काला ज्वर) (Black Fever, Visceral Leishmaniasis)

काला अज़ार (या काला ज्वर) लीशमैनियासिस (Leishmaniasis) का सबसे गंभीर रूप है और, उचित निदान और उपचार के बिना, मृत्यु की संभावना को बहुत बढ़ा देता है। यह रोग दुनिया में दूसरी सबसे ज़्यादा परजीवी से होने वाली मृत्यु का कारक है (मलेरिया के बाद), जो कि प्रति वर्ष 200,000 से 400,000 संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है।

यह एक धीमी गति से बढ़ने वाले वाला एक स्थानीय या देशी रोग है जो की लीशमैनिया जाति के एक प्रोटोजोअन परजीवी के कारण होता है। परजीवी मुख्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को संक्रमित करता है और अस्थि मज्जा (bone marrow), प्लीहा (spleen) और लिवर में अधिक मात्रा में पाया जा सकता है।

इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, वजन घटना, थकान, एनीमिया और लिवर व प्लीहा की सूजन शामिल हैं। काला अज़ार से बचाव के लिए कोई वॅक्सीन (टीका) उपलब्ध नहीं है। हालाँकि समय रहते अगर उपचार किया जाए, तो रोगी ठीक हो सकता है। काला अज़ार के इलाज के लिए दावा आसानी से उपलब्ध होती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एचआईवी और काला अज़ार के सह-संक्रमण की उभरती समस्या एक विशेष चिंता का विषय है। काला अज़ार के बाद "पोस्ट कला-आज़ार डरमल लेशमानियासिस" (पीकेडीएल; काला आज़ार के बाद होने वाला त्वचा संक्रमण) होने की भी संभावना होती है।

भारत में काला-अज़ार:
भारत में लीशमैनिया डोनोवानी (Leishmania donovani) एकमात्र परजीवी है जिसके कारण यह बीमारी होती है।
भारत के पूर्वी राज्यों जैसे की बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह बीमारी स्थानिक है।
48 जिलों में स्थानिक; कुछ अन्य जिलों से छिटपुट मामलों की सूचना मिली।
4 राज्यों में अनुमानित 165.4 मिलियन जनसंख्या जोखिम।
मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ज्यादातर गरीब सामाजिक-आर्थिक समूह प्रभावित होते हैं।

काला-अज़ार के लक्षण निम्नलिखित हैं:

आवर्ती बुखार रुक रुक कर आना या अक्सर दोहरा जाने वाला बुखार।
भूख में कमी व लगातार वजन काम होना।
दुर्बलता।
स्प्लेनोमेगाली - प्लीहा का तेजी से बढ़ता है, आमतौर पर नरम हो जाता है।
यकृत - लीवर भी बढ़ने लगता है पर प्लीहा के मुकाबले कम।
लिम्फैडेनोपैथी - यह भारत में बहुत आम नहीं है।
त्वचा - त्वचा शुष्क, पतली और स्केल जैसी हो जाती है और त्वचा के बाल कम हो सकते हैं; हल्के रंगीन व्यक्ति हाथ, पैर, पेट और चेहरे की त्वचा पर भूरे रंग का विकर्ण देखते हैं जिसकी वजह से भारत में इसे ब्लैक फीवर या कला-अज़ार कहते हैं।
एनीमिया - यह भी तेजी से विकसित होता है।

कालाजार (काला ज्वर) के कारण - Kala Azar (Visceral Leishmaniasis) 

काला-अज़ार मादा फ्लेबोटोमिन सैंडफ्लाईस (phlebotomine sandflies) से काटने के कारण होता है - जो की लीशमैनिया परजीवी का वेक्टर (या ट्रांसमीटर) है।
सैंडफ्लाईस जानवरों और मनुष्यों को खून के सेवन के लिए काटती हैं, जो उन्हें अपने अंडे के विकास के लिए आवश्यक होता है।
यदि लैश्मनिआ पैरासाइट किसी जानवर या मनुष्य को काट कर हट चुका है और अभी भी उस जानवर या मानव के खून से युक्त है तो अगला व्यक्ति जिसे वह काटेगा वह संक्रमित हो जायेगा।
इस प्रारंभिक संक्रमण के बाद के महीनों में यह बीमारी और अधिक गंभीर रूप ले सकती है, जिसे आंत में लिशमानियासिस या काला-अज़ार कहा जाता है।

कालाजार (काला ज्वर) से बचाव - Prevention of Kala Azar (Visceral Leishmaniasis)

काला-अज़ार को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। सबसे अच्छा तरीका है कि अपने आप को बड़मक्खी या रेत मक्खी (sandflies) के काटने से बचाये रखें। अगर ऐसी जगहों की यात्रा करते हैं जहाँ इस बीमारी के होने की संभावना ज़्यादा होती है तो वहां बाहरी गतिविधियों को गोधूलि या शाम से सुबह तक कम करने की कोशिश करें क्यूंकि इस वक़्त बड़मक्खी या रेत मक्खी (sandflies) सक्रिय होती हैं।
त्वचा को ढक कर रखें यानी पूरे कपड़े पहने; कीट नाशक का उपयोग करें; अच्छी स्क्रीनिंग वाले क्षेत्रों में रहे; बिस्तर पर जाल या मच्छरदानी का उपयोग करें (यदि संभव हो तो औषधि वाले)।

कालाजार (काला ज्वर) का परीक्षण - Diagnosis of Kala Azar (Visceral Leishmaniasis) 

क्लीनिकल:
2 सप्ताह से अधिक की अवधि के बुखार के मामलों में, जब एंटीमेलायल्स और एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं होता। क्लीनिकल ​​प्रयोगशाला निष्कर्षों में एनीमिया, प्रगतिशील लियूकोपेनिया थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और हाइपरगैमाग्लोबुलिनमिया शामिल हो सकते हैं।

प्रयोगशाला:
सर्जरी परीक्षण: काला-अजार के निदान के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण उपलब्ध हैं। आपेक्षक संवेदनशीलता के आधार पर सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाले परीक्षण; विशिष्टता और संचालन व्यवहार्यता में, डायरेक्ट एक्ग्लूटीनैशन टेस्ट (डीएटी, DAT), आरके39 डिपस्टिक (rk39 dipstick) और एलिसा (ELISA) शामिल हैं। हालांकि ये सभी परीक्षण आईजीजी एंटीबॉडी का पता लगाते हैं जो अपेक्षाकृत लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। एल्डिहाइड टेस्ट का आमतौर पर प्रयोग किया जाता है लेकिन यह एक गैर-विशिष्ट परीक्षण है। आईजीएम डिटेक्टिंग टेस्ट्स (IgM detecting tests) विकास के अधीन हैं और फील्ड उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

विभेदक निदान (Differential Diagnosis):
चिकित्सा के क्षेत्र में, विभेदक निदान वह है जो एक बीमारी को दूसरी से अलग करता है जिनकी एक सामान नैदानिक विशेषताएं होती हैं।
काला-अज़ार के विभेदक निदान इस प्रकार हैं:
आंत्र ज्वर
मिलिअरी टीबी
मलेरिया
ब्रूसिलोसिस
अमिबिक यकृत फोड़ा
संक्रामक मोनोन्यूक्लियोसिस
लिम्फोमा, ल्यूकेमिया
उष्णकटिबंधीय प्लीहा की वृद्धि
पोर्टल हायपरटेंशन

कालाजार (काला ज्वर) का इलाज - Kala Azar (Visceral Leishmaniasis)

काला-अज़ार के लिए विभिन्न उपचार विकल्प उपलब्ध हैं, विभिन्न प्रभावशीलता और साइड इफेक्ट्स (दुष्प्रभाव) के साथ। पेंटावलेंट अंतीमोनिअल्स (Pentavalent antimonials) आमतौर पर दवाओं का पहला लाइन समूह होता है, जो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के 30-दिवसीय कोर्स के रूप में दिया जाता है।

काला-अज़ार के इलाज के लिए भारत में उपलब्ध दवाएं:
सोडियम स्टिबोग्लुकोनेट (Sodium Stibogluconate; स्वदेशी निर्माण, उपयोग और बिक्री के लिए पंजीकृत)
पेंटैमिडाइन इसाइटियनेट: (Pentamidine Isethionate;आयातित, उपयोग के लिए पंजीकृत)
अम्फोटेरिसिन बी: (Amphotericin B;स्वदेशी निर्माण, उपयोग और बिक्री के लिए पंजीकृत)
लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी: (Liposomal Amphotericin B;स्वदेशी निर्माण और आयात, उपयोग और बिक्री के लिए पंजीकृत)
मिल्टेफ़ोसिन (Miltefosine;उपयोग और बिक्री के लिए आयातित / पंजीकृत)
किसी भी दवाई का सेवन केवल अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

कालाजार (काला ज्वर) के जोखिम और जटिलताएं - Kala Azar (Visceral Leishmaniasis) Risks & Complications 
काला-अज़ार और एचआईवी का सह-संक्रमण:

एचआईवी / एड्स के प्रसार के साथ, काला-अज़ार का सह-संक्रमण महामारी के अनुपात में बढ़ रहा है। हाल ही में, काला-अज़ार, आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाने वाला एक रोग, अब सामान्यतः शहरी इलाकों में एचआईवी संक्रमित आबादी के बीच पाया जा रहा है। काला-अज़ार के साथ सह-संक्रमण की रिपोर्ट अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के 34 देशों में पायी गयी हैं। डब्लूएचओ (WHO) के मुताबिक, दक्षिणी यूरोप में 70% से अधिक एचआईवी मामले काला-अज़ार से सह संक्रमित होते हैं।
काला-अज़ार और एचआईवी के साथ संक्रमण विशेष रूप से हानिकारक है क्यूंकि काला-अज़ार का कारक अर्थात परजीवी लोगों की प्रतिरक्षा को दबाता है  और एचआईवी वायरस की प्रतिकृति को बढ़ाता है। काला-अज़ार और एचआईवी के साथ सह-संक्रमण आम तौर पर उन लोगों के बीच फैलता है जो एक ही सुइयों का प्रयोग करते हैं, आमतौर नसों में इस्तेमाल करने वाले लोग।
काला-अज़ार उपरान्त त्वचीय लीशमैनियासिस (PKDL):
काला अज़ार के बाद "पोस्ट कला-आज़ार डरमल लेशमानियासिस" (पीकेडीएल; काला आज़ार के बाद होने वाला त्वचा संक्रमण) होने की संभावना होती है। यह एक ऐसी स्थिति है जब लीशमैनिया डोनोवानी त्वचा कोशिकाओं पर आक्रमण करता है, विकसित होता है और त्वचा पर घावों के रूप में उभरता है। कुछ साल के उपचार के बाद कभी-कभी काला-अजार मामलों में पीकेडीएल प्रकट होता है। हाल ही में यह माना जाता है कि पीकेडीएल आंत का चरण पारित किए बिना प्रकट हो सकता है। हालांकि, पीकेडीएल अभिव्यक्ति पर पर्याप्त डेटा या जानकारी अभी तैयार नहीं है।

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